- टास्कअस ने हर महीने 250 से ज़्यादा नए स्टाफ को नियुक्त करने की योजना के साथ इंदौर में तेजी से विस्तार शुरू किया
- Capture Every Live Moment: OPPO Reno13 Series Launched in India with New MediaTek Dimensity 8350 Chipset and AI-Ready Cameras
- OPPO India ने नए AI फीचर्स के साथ पेश की Reno13 सीरीज़
- इंदौर एनिमल लिबरेशन की पहल: जानवरों के अधिकारों का हो समर्थन
- सपनों को साकार करने का मंच बन रहा है ‘प्लास्ट पैक 2025’
20 मशीनें लगाकर होगा सरस्वती नदी का बारिश पूर्व गहरीकरण
विभिन्न विभागों को काम पूरा करने के क्षेत्रवार सौंपे गये दायित्व
इंदौर. इंदौर शहर के प्रमुख सरस्वती नदी के गहरीकरण एवं साफ-सफाई का कार्य तेजी से जारी है. गहरीकरण का कार्य मानसून के पूर्व पूरा करने के लिए 20 मशीनें लगायी जाएंगी. बारिश के पूर्व काम पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों को क्षेत्रवार दायित्व सौंपे गये है. गहरीकरण कार्य से निकलने वाली गाद का उचित निपटान भी किया जाएगा.
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर कार्यालय में संपन्न हुई इंदौर शहर की नदियों के संरक्षण के लिए की जाने वाले कार्यो के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश के परिपेक्ष्य में गठित समिति के बैठक में दी गई. बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर निशांत वरवड़े ने की. इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह, अपर कलेक्टर सुश्री निधि निवेदिता, याचिकाकर्ता किशोर कोड़वानी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे. बैठक में इंदौर शहर में नदियों के संरक्षण के लिए विशेष कर सरस्वती नदी के संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यो की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई. बैठक में कलेक्टर श्री वरवड़े ने निर्देश दिये कि गहरीकरण का कार्य हर हाल में वर्षा पूर्व हो जाए. इसके लिए उन्होंने विभागवार दायित्व सौंपे। जिन विभागों को दायित्व सौंपे गये उनमें मुख्य रूप से नगर निगम, इंदौर विकास प्राधिकरण, जल संसाधन शामिल है। इन विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि वे समन्वित कार्य योजना बनाकर कार्य करें। कार्य के लिए अपने-अपने विभागीय आवंटन का उपयोग करें.
गाद का हो उचित निपटान
गहरीकरण कार्य के लिए बताया गया कि नगर निगम द्वारा 13 मशीनें लगाई गई है। इसी तरह इंदौर विकास प्राधिकरण को 4 मशीनें और जल संसाधन विभाग को 3 मशीनें उपलब्ध कराई जायेगी. बैठक में कहा गया कि गहरीकरण कार्य से जो गाद निकल रही है, उसका उचित निपटान किया जाय. गाद से शहर के ऐसे क्षेत्र जहां गड्ढे है उन्हें भरा जाए. सरस्वती नदी के सीमांकन कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि गहरीकरण कार्य के पश्चात सीमांकित क्षेत्र में दोनों साइड में मुनारे(सीमांकन चिन्ह) लगाई जाये.